Get Beautiful Ganesh Chaturthi Ki Shubhkamnaye, Greeting Cards, Wishes, Quotes in Hindi Status
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
मंगलकर्ता, विघ्नहर्ता
भगवान श्री गणेश जी आप सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करें।
आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं।
आते बड़े धूम धाम से गणपति जी,
जाते बड़े धूम धाम से गणपति जी,
आखिर सबसे पहले आकर,
हमारे दिलो में बस जाते गणपति जी
गणपति बाबा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरया
लम्बोदर तू, विनायका तू, विघनेसवराय मोरया
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गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ती मोरया
गणेश जी का रूप निराला हैं
चेहरा भी कितना भोला भाला हैं
जिसे भी आती हैं कोई मुसीबत
उसे इन्ही ने तोह संभाला हैं
हैप्पी गणेश चतुर्थी
साल में एक बार आते हो,
जब भी आते हो खुशिया ले आते हो।
मूषक की सवारी
हे गजानन! तुम हो हमे सबसे प्यारी।
विघ्नहर्ता नाम तुम्हारा,
हर लो सारे दुख हमारा।
सब प्यारे सब से न्यारे
बन जाओ साथी हमारे!
ईस्ट सखा और बंधु हमारे,
भक्त के रखबाले
गणपति बप्पा को यह जग जाने।
हे मंगल मूर्ति! मंगल करो हमारा,
हर साल जल्दी आना,
हे पार्वतीनंदन! तुम्हारा
आशीष हमपे बनाय रखना।
भक्ति गणपति, शक्ति गणपति
सिद्दी गणपति, लक्ष्मी गणपति
महा गणपति, देवों में श्रेष्ठ मेरे गणपति
गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं.
गौरी-शंकर के सुत बन उन्हें गौरवान्वित किया।
मिट्टी से बनी काया से संसार में मंगल कार्य किया।
धारण कर हाथी का मुख सृष्टि को भी प्यार किया।
मूषक को संवारी बना उसका भी सम्मान किया।
शुभ-मुहर्त में प्रथम पूज्यनीय बन सबको तृप्त किया।
सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,
तुम बिना काम ना सरे, अरज सुन मेरी।
रिध सिध को लेकर करो भवन में फेरी
करो ऐसी कृपा नित करूँ मैं पूजा तेरी।
गणेश चतुर्थी की शुभ कामनाएं!
उस निर्मल जल में, उस पावन थल में,
या उस सृष्टी कि सुन्दर शकल में,
घने वन में या सफेद रण में,
मेरे गणपति बसे हैं मेरे कण कण में,
तरु में, त्रण में, गज में या गण में,
मेरे गणपति बसे हैं हर पल हर मन में.
प्रथम आप को पूजते वक्रतुण्डाय हर नर और नारी,
मूषक जिनका वाहन है सूरत है कितनी प्यारी।
कोई कहे कपिल कोई कहे विनायक,
कहे कोई गजानना तो कोई सिद्धि विनायक।
शिव पार्वती के पुत्र आप हो आप ही हो गणेश,
नाम जाप से कट जाते सारे कष्ट ,क्लेश
लम्बोदराय आप को लगते लड्डू प्यारे,
मयूरेश्वर को मोदक का भी भोग लगाते सारे।
सब के दिलो मे गणपति आप करते हो राज,
विघ्नहर्ता विघ्न हर कर सवारे सब के काज।
जो रिद्धि सिद्धि के है दाता
वो एकदंताय सब के दिलो मे है समाता।
हर कष्ट मे आप को याद करते हम मंगलमूर्ति,
हे महागणपति नाम मात्र से सारे काम की होती पूर्ति।
सभी शुभ कार्यो के पहले आप को पूजते शुभम,
धन और निधि के दाता कहलाते निदीश्वरम।
हे चतुर्भुज आप से छुप्पा नहीं है कुछ,
बुद्धिविधाता जानते है आप सबकुछ।
देवो के देव कहलाये आप सुरेश्वर,
ब्रमांड के भगवान आप हो महेश्वर।
आप से प्राथना है अविघ्न साथ कभी न छोड़ना,
हे बुद्धिप्रिय किया भरोसा आप पर उसे ना कभी तोडना।
– Satish Purohit