जिंदगी पतझड़-सी थीं, बिना किसी सिंचाई के, 🙏
“गुरु-जी”🙏 ने पानी क्या डाला,
हममें खुद-ब-खुद हरियाली आ गई।
राष्ट्र के भविष्य रूपी
पौधे को सींचने वाले,
राष्ट्र के युवाओं
को सशक्त बनाने वाले
भविष्य के शिल्पकार
हमारे शिक्षकोंको नमन.
हमारी पहली गुरु हमारी मां होती है जो हमे
अच्छे बुरे का ज्ञान देती है।
उससे ही उपजे है हम उससे ही सीखे है हम।।
Happy Teachers Day “Maa”
सिलसिला ये पैदा होते ही शुरू हो गया
जिसने कोई गुर सिखाया, वो गुरु हो गया
Happy teachers day…
साक्षर हमें बनाते हैं, जीवन क्या है समझाते हैं |
जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढाते हैं |
ऐसे महान व्यक्ति ही तो शिक्षक हैं – जो गुरु कहलाते हैं |
Happy Teachers’ Day
गुरु, शिक्षक ये मधुर शब्द ज़ेहन में आते ही
माँ चेहरा तुम्हारा सामने आता है
अक्षर ज्ञान, संस्कार, सलीका, स्वाभिमान
मित्र की पहचान, शत्रु से कितनी दूरी,
सज्जनों का साथ, दुर्जनों पर अविश्वास,
दुखी जनों का साथ निभाना, व्यवहार बनाना,
क्रोध नियंत्रण, जिम्मेदारी निभाना
आध्यात्म, योग, जप, तप, मंत्र
सब तुमसे ही सीखा माँ
ये बात और थी कि आप मुझसे कई
नादान बच्चों की शिक्षिका, प्रेरणा रहीं ।
इन कमल चरणों में हमको स्थान दो,
ले शरण अपनी हमें सम्मान दो..
तुम तलक आने की हमको राह दे
ऐसा गुरुवर ही हमें भगवान दो.. ।
Happy Teachers’ Day
Mother Teacher Maa Poems in Hindi Kavita
माता पहला शब्द मैं तेरे नाम करूँ
झुककर तेरे कमल चरणों में प्रणाम करूँ
मां तू ही मेरे जीवन की सबसे पहले गुरू है
हाँ तुझसे ही मेरा जीवन शुरू है
जितने भी गुरू बंधु हुए है उन सबको करता हूँ प्रणाम
इस सिंगल शीट पेपर में नही लिख सकता उनका सम्मान
गुरू के बिना नही बन सकता कोई संसार
उनकी महिमा है शक्ति अपार
जिसने भी गुरू का सम्मान किया
इस जग में उसी का नाम हुआ
देखो चंद्र नंदन से चंद्रगुप्त महान हुआ
सिकन्दर ने भी गुरू अरस्तू का गुणगान किया
हाँ तभी तो उसके विश्व विजेता बनने का सपना
साकार हुआ
धनुर्धर तो बहुत वहाँ थे पर अर्जुन ही पार्थ हुआ
गुरू के बिना एकलव्य का नही नाम हुआ
जिसने भी गुरू से मिथ्या बोला
बलशाली कर्ण जैसे मृत्यु का दरवाजा खोला
इस पाप से युधिष्ठिर भी नही बच पाये
झूठ बोल कर गुरू द्रोण से वो बहुत पछताये
जिसने भी गुरू का अपमान किया
दुर्योधन जैसे उसका अंजाम हुआ
भगवान भी गुरू महिमा के लिए
श्रीकृष्ण और राम बन के आये
उन्होंने भी गुरू का वंदन गाये
इक छोटी सी रचना को उनके चरणों
मे समर्पित करता हूँ
उन्ही की दी हुई दौलत उन्ही पर अर्पित
करता हूँ